Monday 23-12-2024

आरटीओ में स्मार्ट चिप कंपनी का अनुबंध समाप्त, आखिर किसके आदेश से काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी

Posted By Vinod Kewat
  • Updated Thursday Nov 21 2024
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आरटीओ में स्मार्ट चिप कंपनी का अनुबंध समाप्त, आखिर किसके आदेश से काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी

नर्मदापुरम । आरटीओ कार्यालय नर्मदापुरम में परिवहन विभाग के कार्यालयीन कार्य के लिए स्मार्ट चिप कंपनी से अनुबंधित आउटसोर्स कर्मचारी रखे गए थे। कंपनी और विभाग के बीच हुआ वर्ष 2013 अनुबंध 2024 में समाप्ति के बाद 6 माह का अतिरिक्त समय कार्य पूर्ण करने के लिए कंपनी को दिया गया था। 6 माह व्यतीत होने के बाद अक्टूबर से अब कंपनी का सेटअप ही उठा कर ले गई है जिसके चलते अनुबंध पूर्ण रूप से समाप्त हो चुका है लेकिन उसके बाद भी परिवहन विभाग में स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी बिना किसी अनुबंध और बिना पारिश्रमिक के काम कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो उक्त कर्मचारी किसी भी विभाग एवं अधिकारी के लिखित अनुमति एवं आदेश के बिना काम कर रहे हैं। ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी के साथ या उसके द्वारा कोई घटना घटित होती है या विभागीय गोपनीयता के साथ साथ अभिलेखों में गड़बड़ी होती है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा। क्योंकि ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी नियम विरुद्ध आरटीओ विभाग के सिस्टम पर काम कर रहे हैं विभाग के यूजर आईडी और पासवर्ड इस्तेमाल कर रहे है। अगर आउटसोर्स कर्मचारी कोई नियम विरुद्ध काम कर देते हैं या उनसे कराया जाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। स्मार्ट चिप कंपनी जिसका अनुबंध समाप्त हो चुका है या फिर आउटसोर्स कर्मचारी। वहीं अनुबंध समाप्त होने के बाद न तो पुनः अनुबंध के लिए विभाग ने कोई कार्यवाही की और न ही कंपनी ने दोबारा अनुबंध कराया। वही परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने परिस्थिति और कर्मचारियों की कमी के चलते न तो विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को अवगत कराया और न ही जिले के वरिष्ठ अधिकारी को अपनी परेशानियों से अवगत कराया और बिना किसी अनुबंध और अनुमति के स्मार्ट चिप कंपनी के आउटसोर्स कर्मचारी से विभागीय कार्य करवा रहे हैं। हम बात करें आउटसोर्स कर्मचारी के पारश्रमिक की तो उनको अब विभाग किन नियमों के तहत भुगतान करेगा और उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए जिम्मेदार कौन होगा। ऐसे में विभाग भुगतान किसको करेगा अनुबंध समाप्त हो चुकी कंपनी को या सीधे आउटसोर्स कर्मचारी को आरटीओ विभाग द्वारा भुगतान किया जाएगा। यदि दोनों में से किसी एक को भी भुगतान किया जाता है तो दोनों ही नियम विरुद्ध होंगे क्योंकि अनुबंध समाप्त हो चुके कंपनी को आखिर किन आदेशों और नियम के तहत भुगतान किया जाएगा और अगर आउटसोर्स कर्मचारी को किया जाता है तो उनकी अनुमति और पारश्रमिक दर का निर्धारण कैसे होगा। वही हम बात करे विभागीय गोपनीयता कि तो इस पर भी सवाल खड़ा होता है कि बिना अनुबंध और बिना विभागीय आदेश के कार्यालय में अनधिकृत रूप से काम कर रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं। क्या जिम्मेदार अधिकारी इसलिए मौन हैं कि कुछ काला पीला करने के बाद कारनामा आउटसोर्स कर्मचारी पर मढ़कर पाक साफ बच सकेंगे और विभाग भी मूक दर्शक बन कर किसी के भी खिलाफ कार्यवाही करने से बचेगा।


इस संबंध में जब हमने निशा चौहान क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी नर्मदापुरम से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि अनुबंध समाप्त हो चुका है जो कंपनी के कर्मचारी है वह सिर्फ सपोर्ट कर रहे हैं जिसका उनको भुगतान नहीं किया जा रहा है।

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